
Gautam Buddha Story in Hindi भगवान बुद्ध के धम्म के बारे में विविध मत।
दूसरों ने उनके धर्म को किस तरह समझा
1. भगवान बुद्ध की यथार्थ शिक्षाएं कौन सी हैं?2. यह एक ऐसा प्रश्न है जिस पर बुद्ध के कोई दो अनुयायी अथवा बुद्ध धम्म के कोई दो विद्यार्थी एकमत नहीं प्रतीत होते।
3. कुछ के लिये 'समाधि' ही उनकी खास शिक्षा हैं।
4. कुछ के लिये 'विपश्यना' ही हैं।
5. कुछ के लिये बुद्ध-धम्म चंद विशेष रूप में दीक्षित लोगों का धम्म हैं। कुछ के लिए यह बहुत लोगों का धम्म हैं।
6. कुछ के लिये इसमें शुष्क दार्शनिकता के अतिरिक्त और कुछ नहीं।
7. कुछ के लिये यह केवल है रहस्यवाद हैं।
8. कुछ के लिये यह संसार से स्वार्थ-पूर्ण पलायन हैं।
9. कुछ के लिये यह हृदय की प्रत्येक छोटी-बड़ी भावनाओं को दफना देने का व्यवस्थित शास्त्र हैं।
10. बुद्ध-धम्म के संबंध में और भी नाना मतों का संग्रह किया जा सकता हैं।
11. इन मतों का परस्पर विरोध आश्चर्यजनक हैं।
12. इनमें से कुछ मत ऐसे लोगों के हैं जिनके मन में किसी खास एक बात के लिए विशेष आकर्षण हैं। ऐसे ही लोगों में से कुछ समझते हैं कि बुद्धधम्म का सार, समाधि या विपश्यना में अथवा चंद्र दीक्षित लोगों का धम्म होने में हैं।
13. कुछ दूसरे मतों का कारण यह है कि बुद्ध-धम्म के बारे में लिखने वाले अनेक लोग प्राचीन भारतीय इतिहास के पण्ड़ित हैं। उनका बौद्ध-धम्म का अध्ययन आकस्मिक है और इतिहास से संपर्क में रहने के ही कारण हैं।
14. उनमें से कुछ बुद्ध-धम्म के विद्यार्थी है ही नहीं।
15. वे नृवंश-शास्त्र के विद्यार्थी भी नहीं, वह शास्त्र जो धम्म की उत्पत्ति और विकास से भी सम्बुद्ध हैं।
16. प्रश्न पैदा होता है कि क्या भगवान बुद्ध का कोई सामाजिक संदेश था वा नहीं?
17. जब उत्तर देने के लिए जोर डाला जाता है तो बुद्ध-धम्म के पण्ड़ित प्रायः दो बातों पर विशेष बल देते हैं। वे कहते हैं-
18. भगवान बुद्ध ने अहिंसा की शिक्षा दी थी।
19. भगवान बुद्ध ने शांति की शिक्षा दी थी
20. प्रश्न है... क्या बुद्ध ने कोई दूसरा सामाजिक संदेश दिया?
21. क्या बुद्ध ने 'न्याय' की शिक्षा दी?
22. क्या बुद्ध ने 'मैत्री' की शिक्षा दी?
23. क्या बुद्ध ने 'स्वतंत्रता' की शिक्षा दी?
24. क्या बुद्ध ने 'समानता' की शिक्षा दी?
25. क्या बुद्ध ने 'भ्रातृभाव' की शिक्षा दी?
26. क्या बुद्ध कार्ल मार्क्स के मुकाबले पर खड़े हो सकते हैं?
27. बुद्ध धम्म का विचार करते समय इन प्रश्नों को प्रायः कभी उठाया ही नहीं जाता।
28. मेरा उत्तर है कि भगवान बुद्ध एक सामाजिक संदेश हैं। उनका सामाजिक संदेश इन सब प्रश्नों का उत्तर हैं। लेकिन उन सब प्रश्नों के उत्तर को आधुनिक लेखकों ने दफना दिया है।
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2) भगवान बुद्ध का अपना वर्गीकरण
1. भगवान बुद्ध ने धर्म का अपने ढंग का वर्गीकरण किया है।
2. पहला वर्ग 'धर्म' है।
3. उन्होंने एक दूसरा वर्ग माना है, जो यद्यपि 'धर्म' शब्द के अन्तर्गत ही ग्रहण किया जाता है, किंतु जो वास्तव में 'अधर्म' हैं।
4. उन्होंने एक तीसरा वर्ग माना है जिसे उन्होंने 'सद्धम्म' कहा हैं।
5. तीसरा वर्ग 'धम्म के दर्शन' के लिए हैं।
6. भगवान बुद्ध के धम्म को समझने के लिए आवश्यक है कि तीनों वर्गों को भली प्रकार समझा जाय-धम्म को, अधम्म को तथा सद्धम्म को।
सबका मंगल हों
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